तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा लोकसभा में पेश 2016-17 के बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
महंगा : सर्विस टैक्स बढ़ाकर सरकार ने एक तरह सेवा से जुड़ी सभी चीजें महंगी कर दी हैं। सर्विस टैक्स अब 14.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा सभी तरह की बीमा पॉलिसी, सिनेमा, केबल, रेस्टोरेंट में खाना, कारें, सिगरेट, सिगार, गुटखा, कोयला, सोने और हीरे के आभूषण महंगे हो गए हैं।
सस्ता : सरकार ने लोगों को ज्यादा राहत नहीं दी है। 50 लाख तक घर पर ब्याज में छूट, विकलांगों के सहायक उपकरण, डायलिसिस उपकरण सस्ते मिलेंगे।
*व्यक्तिगत आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं।
*देश में कालाधन रखने वालों के लिए कर-कानून अनुपालन के लिए 4 माह का अवसर। उन पर लगेगा 45 प्रतिशत का कर और ब्याज।
*5 लाख रुपए से कम की आय वाले आयकरदाताओं को राहत। धारा 87 एक के तहत छूट की सीमा 2,000 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए की गई।
*पहला घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपए तक के ऋण पर 50,000 रुपए की अतिरिक्त कटौती मिलेगी। घर की कीमत 50 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
*2017-18 तक राजकोषीय घाटा सकल घरेल उत्पाद के 3 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य।
*2015-16 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.9 प्रतिशत। 2016-17 में यह 3.5 प्रतिशत होगा।
*2015-16 में राजस्व घाटा 2.8 प्रतिशत।
*2015-16 में चालू खाते का घाटा 14.4 अरब डॉलर या जीडीपी के 1.4 प्रतिशत पर।
*आधार कार्यक्रम को सांविधिक दर्जा।
*बुनियादी ढांचा परिव्यय 2.21 लाख करोड़ रुपए।
*किसान कल्याण के लिए 35,984 करोड़ रुपए। 5 साल में सिंचाई पर 86,500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
*नाबार्ड के तहत 20,000 करोड़ रुपए का सिंचाई कोष बनाया जाएगा।
*गरीबों को एलपीजी कनेक्शन के लिए 2,000 करोड़ रुपए। महिलाओं के लिए एमपीजी कनेक्शन की योजना।
*स्टैंडअप इंडिया के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन।
*सड़कों और राजमार्गों के लिए 55,000 करोड़ रुपए का आवंटन। करमुक्त बांड जारी कर सकता है एनएचएआई।