अमरिंदर सिंह ने सात पन्ने के त्याग-पत्र में गांधी परिवार की आलोचना की और कहा कि उन्हें राज्य की सरकार से हटाने के लिए 'साजिश' रची गई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी उपलब्धियां गिनाई हैं। उन्होंने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत पर भी निशाना साधा।
सिंह ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिद्धू के साथ कटु सत्ता संघर्ष के बीच सितंबर में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि “सार्वजनिक जीवन के 52 वर्षों तक उन्हें गहराई से व्यक्तिगत तौर पर जानने के बावजूद” वह (सोनिया) उन्हें या उनके चरित्र को कभी समझ नहीं सकीं।
सिंह ने लिखा, “आपने सोचा कि इतने सालों के बाद मुझे हाशिये पर डाल देंगी। मैं न तो थका हूं और न ही सेवानिवृत्त हुआ हूं। मुझे लगता है कि मैं अपने पंजाब को अभी और बहुत कुछ दे सकता हूं। मैं सैनिक हूं और कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
सिद्धू को कांग्रेस की पंजाब इकाई का अध्यक्ष बनाये जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, कि पंजाब के सभी सांसदों और मेरी आपत्ति के बावजूद आपने पाकिस्तानी डीप स्टेट (सैन्य महकमे) के मददगार नवजोत सिंह सिद्धू को नियुक्त किया, जिसने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा और प्रधानमंत्री इमरान खान को गले लगाया था। सिंह ने कहा कि खान और बाजवा वह लोग हैं, जिन्होंने भारतीयों की हत्या करने के लिए सीमापार आतंकवादी भेजे।
उन्होंने कहा कि सिद्धू की इतनी ही उपलब्धि थी कि वे मुझे और मेरी सरकार को नियमित रूप से अपशब्द कहते थे। मैं उनके पिता की उम्र का हूं, लेकिन फिर भी निजी और सार्वजनिक रूप से मेरे विरुद्ध भद्दी भाषा का प्रयोग करते रहे। अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा पर सिद्धू को संरक्षण देने का आरोप लगाया।