अब तक जैसलमेर की राजनीति में किंग मेकर की भूमिका निभाने वाले मुस्लिम समुदाय के धर्म गुरु गाजी फकीर का अपने बेटे शाले मोहम्मद को विधायक बनाने का सपना आखिर पूरा हो गया।
मतगणना के अंतिम राउंड में शाले मोहम्मद ने भाजपा के शैतानसिंह को पोकरण निर्वाचन क्षेत्र में मात्र 339 मतों से हराकर जिले में पहली बार एक मुस्लिम विधायक बनने का गौरव हासिल किया।
परिसीमन के बाद विधानसभा के मानचित्र पर पहली बार अंकित पोकरण सीट पर कांग्रेस ने गाजी फकीर के पुत्र एवं जिला प्रमुख शाले मोहम्मद को प्रत्याशी बनाया। भाजपा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि वाले शैतानसिंह को मैदान में उतारा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी।
वर्ष 1993 में गाजी फकीर ने अपने भाई मरहूम फतेह मोहम्मद को विधानसभा भेजने का सपना संजोया, लेकिन कांग्रेस के बागी के रूप में उन्हें चुनाव में सफलता नहीं मिली। तेरहवीं विधानसभा चुनाव में गाजी फकीर का सपना पूरा हो गया।
गाजी फकीर की बूढ़ी आँखें कई सालों से अपने परिवार से किसी व्यक्ति को विधायक बनने की राह देख रही थी। मतगणना के 15वें आखिरी दौर में शाले मोहम्मद ने भाजपा की लीड को तोड़ते हुए 339 मतों की बढ़त से अपनी जीत दर्ज की।