जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव को लोकसभा का सेमीफाइनल मानकर कांग्रेस और भाजपा मोदी सरकार के कामकाज को भी मुद्दा बना रही है। भाजपा जहां मोदी सरकार की जनहित में लागू की गई 119 योजनाओं को गिनाने के साथ सर्जिकल स्ट्राइक और आयुष्मान योजना की चर्चा कर रही है वहीं कांग्रेस जीएसटी, नोटबंदी और मोदी की कार्यशैली को चुनाव में मुद्दा बना रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कांग्रेस और भाजपा में फर्क बताते हुए भाजपा को देशभक्तों की टोली और कांग्रेस को बिना सेनापति की पार्टी बताकर जनता को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। शाह कांग्रेस के 70 साल और मोदी सरकार के 5 साल के कामकाज के फर्क को बताते हुए दावा कर रहे हैं कि मोदी सरकार में एक भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ जबकि कांग्रेस के पिछले 10 साल के शासन में 12 लाख करोड़ के भ्रष्टाचार हुए।
उन्होंने कांग्रेस को सत्ता के लिए जोड़तोड़ और झूठ बोलने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि इस पाटी को भाजपा से हिसाब मांगने का कोई हक नहीं है। देशभक्ति के मुद्दे पर भी शाह कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं कि बीकानेर में एक प्रत्याशी ने भारतमाता की जय बोलने वाले कार्यकर्ता को रुकवाकर उसे सोनिया गांधी जिन्दाबाद का नारा लगवाया।
शाह के अलावा गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित अन्य नेता भी मोदी सरकार के कामकाज की सराहना करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक और गरीबों के हित में लागू की गई योजनाओं को गिना रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रचार में प्रधानमंत्री को कोसने से नहीं चूकते तथा उन्हें चौकीदार बताकर भ्रष्टतम प्रधानमंत्री का दर्जा देने का प्रयास कर रहे हैं। गांधी भाजपा सरकार पर किसानों की उपेक्षा करने तथा रोजगार के अवसर भी खत्म करने का आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं का मोदी के खिलाफ वैमनस्य भी झलक रहा है तथा पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने तो प्रधानमंत्री पर ऐसी तीखी टिप्पणी कर दी है जिसकी कि चौतरफा प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणजीत सुरजेवाला ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश कुरियन जोसफ द्वारा न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के संबंध में दिए बयान का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री से न्यायपालिका में भ्रष्टाचार की जांच कराने पर जोर दिया है।