1. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानआदि से निवृत्त होकर भगवान की पूजा करें। इसके बाद पर्व मनाने की तैयारी करें। घर को साफ-सुथरा करके अच्छे से सजाएं। इसके बाद रोली, अक्षत, कुमकुम एवं दीप जलकर थाल सजाकर रखें। इस थाल में रंग-बिरंगी राखियों को रखकर उसकी पूजा करें।
2. फिर भाई को बैठाने के लिए एक पाट लगाएं और अच्छासा मुहूर्त देखकर फिर बहनें भाइयों के माथे पर कुमकुम, रोली एवं अक्षत से तिलक लगाएं एवं भाई की दाईं कलाई पर रेशम की डोरी से बनी राखी बांधें और मिठाई खिलाएं। बहनें राखी बांधते समय भाई की लम्बी उम्र एवं सुख तथा उन्नति की कामना करती है।
शास्त्रों के अनुसार रक्षा राखी बांधे जाते समय निम्न मंत्र का जाप करें- "येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचल"