प्रभु श्रीराम ने अयोध्या से निकलकर लंका तक के सफर में जहां जहां पर अपने पग धरे वहां वहां के खास स्थानों पर मंदिर, कुंड या रामालय बन गए। निश्चित ही लंका से लौटने के बाद प्रभु श्रीराम ने अयोध्या में कई तरह के कार्य किए होंगे। जैसे शिवालय बनवाना, महल, आश्रम, कुटी आदि बनवाना। परंतु हम बता रहे हैं ऐसे कार्य जो उन्होंने अपने वनवास के दौरान किए।
1. पर्णकुटी : श्रीराम जब गंगा पार करके चित्रकूट पहुंचे तो वहां गंगा यमुना के संगम पर ऋषि भारद्वार का आश्रम था। महर्षि ने वहीं एक पहाड़ी पर श्रीराम को कुटी बनाने की सलाह थी। श्रीराम ने वहां पर पर्णकुटी बनाई और वहीं रहने लगे। बाद में वे नासिक के पंचवटी क्षेत्र में गए तो वहां भी पर्टकुटी बनाई। फिर जब वे सीता की खोज में निकले तप रास्ते भर में जहां भी कुछ दिनों तक रुकना था वहां पर्णकुटी बनाई। बाद में रामेश्वरम में और फिर अंत में श्रीलंका में पर्णकुटिया बनाए जाने का उल्लेख मिलता है।