संघर्ष के बाद बन गई जल रंगोली

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

गुरुवार, 24 अप्रैल 2008 (01:40 IST)
प्रकृति, असुविधा और असहयोग से 15 दिनों के संघर्ष के बाद आखिरकार रंग लाई जल रंगोली और लगभग पूरे तालब पर बन गई विश्व की सबमें बड़ी जल रंगोली।

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इस सफलता के लिए कई बार रणनीति बदलना पड़ी पर हर बार तेज हवा और लहरों से लड़ने के उपाय सफल नहीं हो पाए फिर अंतिम रणनीति के तहत कार्य किया गया तब जाकर कहीं 7 अप्रेल से शुरू हुए कार्य को 22 तारीख को अंजाम पर पहुँचाया।

जल रंग रंगोली उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीडी सक्सेना ने कहा कि लहर, पानी और हवा से संघर्ष आसन नहीं होता। इसके बावजूद कलाकारों ने यह करके बहुत ही प्रशंसनीय कार्य किया है। चंदनजी की कला मानवता के लिए समर्पित है।

देवास महापौर शरद पाचुनकर ने कलाकारों की प्रशंसा करते हुए नगर निगम की ओर से 11 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की और उन्होंने कहा कि यदि गिनीज बुक में नाम दर्ज होता है तो शहर में जोरदार आतिशबाजी की जाएगी।

शिक्षा महाविदयालय के संयोजक ‍विजय श्रीवास्तव ने कहा कि कलाकारों ने जो किया वह सूई की नोक पर चलने के समान है, मैं उनकी कला को नमन करता हूँ।

गिनीज बुक को भेजा फार्म : गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस के प्रतिनिधियों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था वे नहीं आए उन्होंने फार्म भेजा है इसे भरकर विश्व की सबसे बड़ी जल रंगोली बनाने का दावा पेश किया गया।

खासियत : आजादी के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में क्रांतिकारियों की याद को फिर से ताजा करने के उद्देश्य से बनाई गई थी रंगोली। सबसे बड़ा फूल है 96 फुट व्यास की आकृति का। इस पूरे काम को अंजाम देने में तीन बोट, 20 कलाकार, 15 लाइफ जेकेट्स और इतनी ही मोटर ट्यूब्स लगीं। लगभग 1.50 लाख का खर्च आया।

संघर्ष : 7 तारीख से कार्य शुरू किया। 9 तरीख तक 90 हजार वर्ग फुट तक बन चुकी रंगोली को आँधी ने तबाह कर दिया। असामाजिक तत्वों, तालाब में नहाने वाले लोगों और मवेशियों ने कई बार आकृतियाँ तोड़ दी। हवाओं और लहरों के कारण रंगोली का रंग ‍बिखर गया। बार-बार बदलनी पड़ी रणनीति। चंदन और उनके साथी कलाकारों का वजन भी घट गया। अन्य परेशानियाँ भी झेलनी पड़ीं।

अंतत: 15 दिनों की जी-तोड़ मेहनत रंग लाई। 22 तारीख मंगलवार शाम छह बजे जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित जिले के अधिकारी व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में इसका शुभारंभ किया गया। मंगलवार रात से लेकर गुरुवार शाम तक रंगोली देखी जा सकेगी।

चंदन की जुबानी : रंगोली कलाकार राजकुमार चंदन ने कहा कि हम 17 एकड़ पर रंगोली बनाने का टारगेट लेकर चले थे वह पूरा हो चुका है और इसके लिए मेरे साथी कलाकारों ने दिन रात मेहनत कर रंगों के साथ अनुभव को भी बटोरा है। निश्चित ही हमारे लिए यह रोमांच और खतरों से भरा कार्य था।