जम्मू-कश्मीर सरकार गिरी

सोमवार, 7 जुलाई 2008 (23:31 IST)
जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के साथ ही सरकार गिर गई है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विश्वास मत का सामना नहीं किया और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। राज्यपाल ने उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था होने तक मुख्‍यमंत्री बने रहने को कहा है।

अमरनाथ यात्रा बोर्ड को जमीन देने और उसे वापस लेने के विवाद के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि गुलाम नबी सरकार अधिक दिन की मेहमान नहीं है क्योंकि कांग्रेस के सहयोगी दल पीडीपी ने अपना समर्थन वापस ले लिया था। यही नहीं, पीडीपी के 6 मंत्रियों ने भी इस्तीफे दे दिए थे, जिन्हें राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया था।

जम्मू-कश्मीर की 87 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 22 और पीडीपी के 17 विधायक हैं। विश्वास का मत प्राप्त करने के लिए कांग्रेस को 44 सदस्यों का आँकड़ा हासिल करना था, जो कि काफी दूर था। यही कारण है कि गुलाम नबी ने विश्वास का मत का सामना करने से पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया।

अधिकांश सपने पूरे : आजाद ने विधानसभा से कहा कि वह इस्तीफा देने के लिए राजभवन जा रहे हैं। सदन में करीब डेढ़ घंटे के अपने भाषण को समाप्त करते हुए आजाद ने कहा कि अध्यक्ष की अनुमति से वह विश्वास मत प्रस्ताव को वापस ले रहे हैं।

सदन के अंतिम सत्र और वर्तमान सत्र के दौरान मृत छह पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि दिए जाने के तत्काल बाद विधानसभा अध्यक्ष ताराचंद ने आजाद को विश्वास मत प्रस्ताव पेश करने का कहा। आजाद ने प्रस्ताव पेश किया जिसका स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंडित मंगतराम शर्मा ने समर्थन किया।

आजाद ने प्रस्ताव पर कहा कि वह कुछ सपने को लेकर जम्मू-कश्मीर में आए थे जिनमें से अधिकांश पूरे हो चुके हैं और दो को अभी पूरा करना है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा कि मैं जानता हूँ कि आपकी संवेदनाएँ कुछ कह रही है और आपकी पार्टी के व्हिप कुछ और। आप प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करना चाहते हैं, लेकिन आपकी पार्टियों द्वारा जारी व्हिप में इसके विरोध में मतदान करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि इसलिए वे सदस्यों को ऐसी स्थिति में नहीं डालना चाहते जिससे वे दुविधा महसूस करें।

मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि गुलाम नबी आजाद ने नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दिया है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए राज्यपाल को दोषी ठहराया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को 7 जुलाई तक विश्वास मत हासिल करने का समय दिया था।

विधानसभदलीस्थिति
कांग्रेस 22
पीडीपी 17
पेंथर्पार्टी 4
नेशनकांन्फ्रेंस 23
सीपीआई 2
जम्ममुक्ति मोर्चा 1
भाजपा 1
अन्य 17

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