'आस्था' की देग में मौत की छलांग...

मंगलवार, 19 अगस्त 2014 (12:40 IST)
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अजमेर। सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत करने आए एक किशोर ने सोमवार को खौलती देग में छलांग लगा दी, जिसकी झुलसने से मौत हो गई।

दरगाह थानाधिकारी भूपेन्द्रसिंह ने मंगलवार को बताया कि बीती रात करीब दस बजे परिसर स्थित छोटी देग में चावल पकाने के लिए पानी गर्म किया जा रहा था, इसी दौरान करीब 15-16 साल का अज्ञात किशोर 'मन्नत' की बात कहते हुए उसमें कूद गया।

अचानक हुई इस घटना से हतप्रभ कर्मचारी अवाक रह गए और उन्होंने किशोर को जैसे-तैसे बाहर निकाला तब तक वह करीब 90 प्रतिशत झुलस चुका था। गंभीर हालत में किशोर को जवाहर लाल नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया है तथा उसकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।

दरगाह सूत्रों का कहना है कि देग में खाना प्राय: ढंककर पकाया जाता है, लेकिन चावल उबालने के लिए पहले पानी को गर्म किया जाता है। बाद में उसमें चावल डाले जाते हैं। बीती रात जब देग का ढक्कन हटाकर उबलते पानी में चावल डाले जा रहे थे तभी किशोर ने 'मन्नत' कहते हुए छलांग लगा दी थी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 2004-05 में एक युवक ने तथा जनवरी 2013 में मां बेटी ने खौलती देग में कूदकर जान दे दी थी। (वार्ता)

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