पटरी पर धमाका, राजधानी एक्सप्रेस का इंजन पटरी से उतरा

बुधवार, 23 जुलाई 2014 (12:20 IST)
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औरंगाबाद। माओवादियों ने बिहार में इस्माइलपुर-रफीगंज खंड के बीच रेल पटरी के एक हिस्से को विस्फोट से उड़ा दिया जिससे भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के आगे चल रहा पायलट इंजन पटरी से उतर गया।

पुलिस उपमहानिरीक्षक (मगध रेंज) पीके श्रीवास्तव ने बताया कि कल रात हुए विस्फोट में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं हैं।

पटना में पूर्वी मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अरविन्द कुमार रजक ने बताया कि भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के आगे चल रहा पायलट इंजन विस्फोट की वजह से पटरी से उतर गया।

रजक ने बताया कि घटना की वजह से 3 राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों सहित करीब एक दर्जन मेल और एक्सप्रेस ट्रेन गया और मुगलसराय के बीच विभिन्न स्थानों पर फंस गई हैं। औरंगाबाद और रोहतास जिलों में पुलिस गोलीबारी के विरोध में माओवादियों द्वारा आहूत एक दिन के बंद दौरान यह विस्फोट हुआ है।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि विस्फोट से लगभग 3 मीटर पटरी नष्ट हो गई। ऊपर लगे विद्युत तार भी नष्ट हो गए। पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि विस्फोट बहुत जबर्दस्त था, क्योंकि इससे 4 फुट गहरा गड्ढा हो गया।

हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, सियालदह-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और दून एक्सप्रेस उन बड़ी गाड़ियों में शामिल हैं, जो विभिन्न स्थानों पर फंसी हुई हैं।

विस्फोट मंगलवार देर रात करीब 11 बजकर 30 मिनट पर औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाने के अंतर्गत लाहट गांव में हुआ।

गया के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह, जो घटनास्थल पर पहुंचे, ने बताया कि विस्फोट औरंगाबाद और रोहतास जिलों में हालिया पुलिस गोलीबारी के विरोध में नक्सलियों द्वारा आहूत एक दिन के बंद के दौरान हुआ। बंद का आह्वान मंगलवार आधी रात से बुधवार आधी रात के बीच किया गया था।

पूर्वी-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि डाउन लाइन को बुधवार को तड़के ठीक कर दिया गया और अप लाइन के लिए काम जारी है। विस्फोट में इसे क्षति पहुंची है।

मगध रेंज के उपमहानिरीक्षक ने कहा कि बंद के दौरान किसी भी अन्य अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पंद्रह दिन के भीतर रोहतास और औरंगाबाद के मदनपुर इलाके में भीड़ पर पुलिस की गोलीबारी में 2-2 लोग मारे गए थे।

औरंगाबाद में गोलीबारी सीआरपीएफ के नक्सलरोधी अभियान के दौरान हुई थी। पिछले हफ्ते मारे गए लोगों में एक महिला और एक बच्चा शामिल था।

रोहतास में गोलीबारी उस समय हुई, जब भीड़ दो समुदायों के दो दोस्तों के बीच ‘आपत्तिजनक’ एमएमएस के आदान-प्रदान के बाद कथित तौर पर एकतरफा कार्रवाई का विरोध कर रही थी।

विपक्षी भाजपा ने गोलीबारी की दोनों घटनाओं पर बिहार विधानसभा में हंगामा करते हुए इन मामलों की न्यायिक जांच की मांग की है। राज्य सरकार ने यह कहकर बचाव किया है कि सुरक्षाबलों ने भीड़ से आत्मरक्षा में गोली चलाई थी। (भाषा)

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