मंगलवार की रात्रि को समाजवादी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष शिवपालसिंह यादव की पुलिस पिटाई के विरोध में सपा सुप्रीमो मुलायमसिंह यादव के गृह जनपद इटावा के सैफई सहित पूरे प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ता एवं युवा उग्र हो गए हैं। सैफई में प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस फायरिंग में एक की मौत हो गई है जबकि अन्य दो घायल हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को लखनऊ स्थिति केकेसी डिग्री कालेज के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सपा छात्र नेताओं ने राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी जो कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, उन्हें काले झंडे दिखाए और कार्यक्रम स्थल में उन्हें जाने से रोका।
समाजवादी पार्टी के छात्र नेता बसपा सरकार द्वारा छात्रसंघ पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इस पर पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया।
इस घटना के विरोध में लखनऊ के एसएसपी कार्यालय के बाहर देर रात समाजवादी पार्टी के सांसद एवं युवा संगठनों के प्रभारी अखिलेशसिंह यादव एवं प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष शिवपालसिंह यादव, पूर्व मंत्री एवं विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन सहित, 100 से अधिक सपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस दौरान शिवपालसिंह यादव तथा अखिलेश यादव के साथ पुलिसकर्मियों ने धक्का-मुक्की और मारपीट की।
इस घटना की सूचना मिलते ही प्रदेशभर के सपा कार्यकर्ता बुधवार को सड़कों पर उतर आए। सपा कार्यकर्ताओं का यह आंदोलन आग की तरह पूरे प्रदेश में फैल चुका है। लखनऊ समेत प्रदेश के अनेक जिलों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। वाहनों को जलाया जा रहा है, और ट्रेनों को रोका जा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी।
राजधानी लखनऊ में सपा के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष शिवपालसिंह यादव के नेतृत्व में विधानभवन पर प्रदर्शन के लिए जा रहे हजारों सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने राजभवन से पहले सपा मुख्यालय के पास ही रोक दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने पर पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोड़े एवं कार्यकर्ताओं पर पानी की जमकर बौछार की।
मुख्यमंत्री मायावती ने ताबड़तोड़ मीडिया को बुलाकर कहा कि सैफई में सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया इसलिए जवाबी कार्यवाही में एक की मौत हो गई।