शराब कांड की जांच के लिए अहमदाबाद, भावनगर, बोटाद और अमरेली जिलों की पुलिस की मदद ली जा रही है। मामले में एक एसआईटी का गठन किया गया है। शराब बनाने और बेचने के आरोप में दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
इससे पहले, इलाज करा रहे एक पीड़ित की पत्नी ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार रात रोजिद गांव में शराब पीने के कुछ घंटे बाद ही उसके पति की हालत बिगड़ने लगी। वहीं, एक अन्य पीड़ित हिम्मतभाई, जो अब स्वस्थ हो रहा है, ने दावा किया कि रविवार की रात एक तस्कर से खरीदी गई शराब का सेवन करने के बाद कम से कम 15 लोग बीमार पड़ गए।
पुलिस महानिरीक्षक (भावनगर रेंज), अशोक कुमार यादव ने शाम को बोटाद सिविल अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि घटना की जांच करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक पद के अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा।
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को गुजरात में जहरीली शराब त्रासदी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और आरोप लगाया कि राज्य में जो लोग शराब बेच रहे हैं, उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। राज्य में शराब की बिक्री पर पाबंदी है।
केजरीवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुजरात में मद्यनिषेध के बाद भी भारी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती है। ये कौन लोग हैं जो शराब बेचते हैं? उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। शराब की बिक्री से जो पैसे आते हैं, वे कहां जाते हैं। इसकी जांच की जरूरत है।