बिरला ने कहा कि कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में स्थित जेके लोन अस्पताल में शिशुओं की असमय मौत सभी के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस बड़े अस्पताल में योग्य चिकित्साकर्मियों और जीवन रक्षक उपकरणों के अभाव के चलते हर साल 800 से 900 शिशुओं और 200 से 250 बच्चों की मौत हो जाती है।