HDFC बैंक के CEO के खिलाफ 1000 करोड़ का मानहानि केस दर्ज, जानिए क्‍या है मामला

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 20 जून 2025 (22:28 IST)
HDFC Bank CEO case : लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (एलकेएमएम ट्रस्ट) ने शुक्रवार को कहा कि उसने ट्रस्ट और उसके स्थाई न्यासी प्रशांत मेहता के खिलाफ दिए गए दुर्भावनापूर्ण और झूठे बयानों को लेकर एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शशिधर जगदीशन के खिलाफ 1000 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा दायर किया है। यह ट्रस्ट मुम्बई में प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल का प्रबंधन और संचालन करता है।
 
ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि उसका मानना है कि कानूनी कार्रवाई का उद्देश्य, उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने और एक सार्वजनिक धर्मार्थ संस्थान के रूप में उसके संचालन में बाधा डालने वाले एक समन्वित अभियान को रोकना है। इस दीवानी मुकदमे के अलावा, ट्रस्ट ने गिरगांव के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष एक आपराधिक शिकायत भी दायर की, जिन्होंने एचडीएफसी बैंक के सीईओ, प्रवक्ता और कॉर्पोरेट संचार प्रमुख को नोटिस जारी किया है।
ALSO READ: प्रशांत किशोर की बढ़ीं मुश्किलें, बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने दर्ज कराया मानहानि का मुकदमा
एलकेएमएम ट्रस्ट और प्रशांत मेहता कभी भी एचडीएफसी बैंक के कर्जदार नहीं रहे हैं, बल्कि वे 48 करोड़ रुपए सावधि जमा और बॉण्ड के रूप में जमा करने वाले ऋणदाता हैं। बयान में कहा गया है कि ट्रस्ट और प्रशांत मेहता किसी भी तरह से ‘स्प्लेंडर जेम्स’ के मामलों से जुड़े हुए नहीं हैं, जैसा कि एचडीएफसी के सीईओ ने दावा किया है।
 
हालांकि एचडीएफसी बैंक ने पूर्व में आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि बैंक और उसके वरिष्ठ अधिकारियों को बेईमान व्यक्तियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, जो अड़ियल चूककर्ताओं यानी स्प्लेंडर जेम्स लिमिटेड (जिसे पहले ब्यूटीफुल डायमंड्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) से बैंक के लंबे समय से बकाया ऋण की वसूली को विफल करने के लिए कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं।
ALSO READ: मानहानि मामले में राहुल गांधी को झटका, कोर्ट ने खारिज की याचिका, नहीं मिलेगी यह जानकारी
बैंक ने कहा था कि वह अपने हितधारकों को लेकर चिंतित है और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार उन लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है, जो दुर्भावनापूर्ण और गुप्त उद्देश्यों से ये निराधार आरोप लगा रहे हैं या इस तरह का दुष्प्रचार करने में लिप्त हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी