बिकरू पुलिस मुठभेड़ मामले में 2 अभियुक्तों ने किया सरेंडर, न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

अवनीश कुमार
गुरुवार, 20 अगस्त 2020 (11:37 IST)
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में थाना चौबेपुर के अंतर्गत 2 व 3 जुलाई की मध्यरात्रि हुए बिकरू कांड में फरार वांछित इनामी अपराधी एक के बाद एक कोर्ट में सरेंडर कर रहे हैं जिसके चलते बुधवार देर शाम नाटकीय ढंग से 2 आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है तो वहीं पुलिस टीम ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

नाटकीय ढंग से किया सरेंडर : बुधवार की देर शाम कानपुर देहात के माती कोर्ट में 50 हजार रुपए का इनामी विष्णु पाल व 50 हजार रुपए का इनामी शिवम दुबे नाटकीय ढंग से वकील के भेष में माती कोर्ट पहुंचा, जब तक मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी समझ पाते तब तक दोनों ही आरोपी विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट में पहुंच गए थे।

जिसके बाद दोनों आरोपियों ने विशेष न्यायाधीश के आगे आत्‍मसमर्पण कर दिया जिसके बाद विशेष न्यायाधीश ने दोनों ही आरोपियों को 31 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उल्‍लेखनीय है कि दोनों ही आरोपी घटना की रात से फरार चल रहे थे और पुलिस दोनों ही इनामी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ तरीके से दबिश दे रही थी।

पुलिस के हाथ लगी सफलता : एक ओर जहां एक के बाद एक आरोपी पुलिस की आंख में धूल झोंककर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर रहे थे और जिसके बाद पुलिस की दबिश पर भी सवाल खड़े होने लगे थे लेकिन जब दो इनामी आरोपियों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया तो वहीं चौबेपुर पुलिस ने दो इनामी आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा ली है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद से लगातार फरार चल रहे 50-50 हजार रुाए के इनामी आरोपी रमेशचंद्र व मनीष उर्फ वीरू को सर्विलांस टीम और चौबेपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने बुधवार की देर शाम मुखबिर की सूचना पर शिवली रोड की बेला क्रॉसिंग के पास से गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने पूछताछ की। पूछताछ के दौरान पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ही आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

क्या बोले एसएसपी/ डीआईजी : कानपुर के एसएसपी/डीआईजी डॉ. प्रितिंदर सिंह ने बताया कि 2 व 3 जुलाई की मध्य रात्रि ग्राम बिकरू थाना चौबेपुर में हुई घटना में वांछित तथा 50-50 हजार रुपए के इनामी 2 अभियुक्तों को कानपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया तथा लगातार पुलिस की दबिशों के दबाव में 50-50 हजार रुपए के इनामी 2 अभियुक्तों द्वारा माननीय न्यायालय में आत्मसमर्पण किया गया।

2 जुलाई की रात को हुआ था बिकरू कांड : 2 और 3 जुलाई की रात पुलिस की एक टीम विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी, जिसकी भनक विकास दुबे को पहले ही पुलिस के द्वारा लग गई थी।इसके बाद विकास दुबे ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया, जिसमें उसके कई साथी मौजूद थे। इस हमले से पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए थे।

हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया था।बाद में उत्तर प्रदेश आते समय कानपुर के पास पुलिस की गाड़ी पलट गई।इसी बीच भागने के दौरान वह एनकाउंटर में मारा गया।

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