हिमाचल के कसोल में फंसे 2000 पर्यटकों को निकाला सुरक्षित, सीएम सुक्खू ने दी जानकारी
बुधवार, 12 जुलाई 2023 (16:33 IST)
Himachal: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने बुधवार को बताया कि मूसलधार बारिश की वजह से कुल्लू जिले के कसोल में फंसे करीब 2000 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि लाहौल में फंसे 300 पर्यटक वाहन अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू-मनाली मार्ग मंगलवार शाम को खोला गया और करीब 2000 वाहनों ने कुल्लू को पार किया।
मनाली और उसके उपनगरों के आस-पास के इलाकों में पिछले 2 दिन से मोबाइल सिग्नल नहीं था और पर्यटक अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहे थे। सुक्खू ने एक ट्वीट में कहा कि अब तक कसोल में फंसे 2000 से ज्यादा लोगों को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है। हमारे दल कसोल-भुंतर मार्ग पर दुन्खरा में हुए भूस्खलन के मलबे को साफ करने का अथक प्रयास कर रहे हैं। जिला प्रशासन मौके पर राहत प्रयासों में समन्वय कर रहा है। कुल्लू को सफलतापूर्वक पार करने वाले 2200 से ज्यादा वाहनों को रामशिला चौक पर खाद्य सामग्री मुहैया कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि मैं खुद हालात का जायजा ले रहा हूं और इन चुनौतियों से पार पाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मजबूती से बढ़ता हुआ हिमाचल प्रदेश। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि लाहौल में फंसे पर्यटक वाहनों को रात में निकाल लिया गया। 300 से ज्यादा पर्यटक वाहन अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो चुके हैं।
कुल्लू के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ने कहा कि एक जांच चौकी स्थापति की गई है, जहां पुलिस (फंसे) लोगों की जानकारी इकट्ठा कर रही है और उन्हें हमारे फेसबुक पेज पर साझा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को राहत सामग्री भी मुहैया कराई जा रही है और भोजन तथा पीने का पानी रामशिला चौक पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
भूस्खलन और बाढ़ की वजह से कुल्लू और लाहौल के बहुत से हिस्सों में सड़कें या तो पानी में बह गईं या मलबे की वजह से बाधित हो गई थीं जिस कारण भारी संख्या में पर्यटक फंस गए थे। फंसे हुए लोगों को होटलों, विश्रामघरों, होम स्टे और दूसरे गंतव्य स्थानों पर ठहराया गया था। कई होटलों और पर्यटन इकाइयों ने फंसे हुए पर्यटकों को मुफ्त रहने और भोजन की पेशकश की, और सोशल नेटवर्किंग साइटों पर अपने होटलों के पते और संपर्क नंबर साझा किए।
प्राकृतिक आपदा की वजह से पर्यटकों के लिए छुट्टियां एक बुरे सपने की तरह थीं। बड़ौदा के एक पर्यटक ने कहा कि हमारे पास सीमित नकदी थी, मोबाइल कनेक्टिविटी और बिजली बंद थी, एटीएम काम नहीं कर रहे थे और होटल व्यवसायी भुगतान के लिए अड़े हुए थे। हमने उनसे कहा कि हमारे रिश्तेदार ऑनलाइन भुगतान करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि यह नहीं किया जा सकता क्योंकि कोई मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है।
सड़क बचाव दल चंद्रताल मार्ग से बर्फ हटा रहे हैं। चंद्रताल में शनिवार से करीब 300 पर्यटक फंसे हुए थे जिनमें से 2 बुजुर्ग और एक लड़की समेत 7 अस्वस्थ पर्यटकों को मंगलवार की शाम को चंद्रताल से हवाई मार्ग से भुंतर पहुंचाया गया। बचाव दल का नेतृत्व कर रहे काजा के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने कहा कि कुंजुम दर्रे के पास सड़क पर 3 से 4 फुट बर्फ है और उसे हटाने का काम जोरों पर चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा था कि सभी फंसे हुए पर्यटकों को बुधवार तक निकाल लिया जाएगा और इस कार्य के लिए छह हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्राकृतिक आपदा की वजह से पहाड़ी राज्य को अनुमानित 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।(भाषा)