विदर्भ इलाके में अभी तक कीटनाशकों के जहर से लगभग 50 किसानों की मौत हो चुकी है और 2000 गंभीर रूप से बीमार पड़ गए हैं। कपास की फसल पर कीड़ा लगने से बचाने वाले कीटनाशक का जहर सांस के साथ शरीर के अंदर जाने की वजह से किसानों की मौत हो रही है, लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने कीटनाशकों के जहर से मर रहे किसानों की सुध नहीं ली है।
सूत्रों के अनुसार कई किसान जीएमसीएच और आईजीएमसीएच व अन्य सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं, लेकिन किसी अधिकारी ने किसानों की सहायता के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। अगस्त और सितंबर महीने के दौरान विदर्भ के कई इलाकों में यह घटना घटी है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने किसानों की मौतों को लेकर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार के सचिवों को नोटिस भेजकर चार सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। (वार्ता)