बार्बी डॉल के जरिए बच्ची ने सुनाई दरिंदगी की कहानी
शनिवार, 17 जून 2017 (07:32 IST)
नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न की शिकार पांच साल की एक बच्ची ने बार्बी डॉल के जरिये अपने साथ हुए गलत कामे के बारे में बताया, जिस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूरा भरोसा जताते हुए एक व्यक्ति को जेल की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि लड़की ने गुड़िया के गुप्तांगों की तरफ इशारा करके यह संकेत दिया कि उसके साथ क्या हुआ था।
अदालत ने मामले की फाइल से गौर किया कि यौन उत्पीड़न से गुजरने की अपनी व्यथा गुड़िया को बताते हुए वह बच्ची बचाव पक्ष के वकील द्वारा पूछे गए परेशान करने वाले, अपमानजनक, गंदे और अश्लील सवालों के जवाब देने में हिचक रही थी।
बच्ची को खेलने के लिए गुड़िया देने के निचली अदालत के न्यायाधीश के नए तरीके ने सही नतीजे दिए। उच्च न्यायालय ने कहा कि 23 वर्षीय व्यक्ति को सुनाई गई सजा साक्ष्य को सही तरह से समझने पर आधारित थी और इसमें किसी भी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
न्यायमूर्ति एसपी गर्ग ने दोषी द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए कहा कि पांच वर्षीय लड़की ने सही तरीके से निचली अदालत को ब्योरा दिया। उसने गुड़िया को बताया कि उस व्यक्ति ने उसके साथ क्या किया।
अदालत ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि बच्ची के गुप्तांगों में कोई नाखून के निशान नहीं पाए गए, इससे यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई थी और उसकी मां ने उसके सम्मान की रक्षा के लिए उसके आंतरिक चिकित्सीय जांच की अनुमति नहीं दी थी।
अदालत ने कहा, 'गुप्तांगों पर नाखून के निशान संबंधी अहम साक्ष्य नहीं जुटाए जा सके। हालांकि, यह पीड़िता की मौखिक गवाही को हल्का नहीं करता। उसने अपनी हाथ में पकड़ी गुड़िया के गुप्तांगों की तरफ इशारा करके यह बता दिया कि उसके साथ क्या हुआ।'
घटना जुलाई 2014 में की है जब लड़की अपने 10 वर्षीय भाई के साथ स्कूल जा रही थी और आरोपी हनी ने लड़के को 10 रुपए का नोट दिया और उसे दुकान से कुछ लाने को कहा और लड़की का अपहरण कर लिया।
वह व्यक्ति लड़की को उत्तरर पश्चिम दिल्ली के नरेला इलाके में ले गया और लड़की का यौन उत्पीड़न किया और उसके बाद उसे उसके घर के पास छोड़ दिया। (भाषा)