गुजरात में मोरबी ब्रिज हादसे (Morbi Bridge Collapse) की जांच जारी है। इस मामले में 9 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। इन 9 आरोपियों को अदालत में पेश किया गया। पेशी के दौरान मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा के मैनेजर ने शर्मनाक बयान दिया है।
पेशी के दौरान मैनेजर ने अपने बयान में घटना को भगवान की मर्जी बताया है। पुलिस ने सभी 9 आरोपियों को 31 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। अन्य आरोपियों में 2 टिकट क्लर्क, 2 ठेकेदार और 3 सुरक्षा गार्ड शामिल हैं।
अदालत ने 4 आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेजा, जबकि 5 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है। अदालत में पेश होने वाले आरोपियों में ब्रिज की मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा Oreva के दो मैनेजर भी शामिल थे। अदालत में 2 मैनेजर पेश हुए। इनमें से एक मैनेजर ने घटना को एक्ट ऑफ गॉड बताया है। 5 सदस्यीय टीम पूरे मामले की जांच भी कर रही है।
नहीं किया गया पोस्टमार्टम : मोरबी सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. प्रदीप दूधरेजिया ने कहा कि चूंकि मोरबी त्रासदी के मृतकों की मौत की वजह ज्ञात (डूबने से मौत) थी इसलिए मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के एक दल ने तय किया कि सभी 135 लोगों की मौत की वजह डूबना थी और कुछ डूबने एवं संबंधित जख्मों के कारण मर गये। चूंकि मौत की वजह ज्ञात थी तथा पता करने के लिए कुछ और था नहीं, इसलिए निर्धारित चिकित्सा विशेषज्ञों की राय के आधार पर मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। Edited by Sudhir Sharma