इस रिपोर्ट में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद शशिकला पर आरोप लगाया था कि परम्पराना अग्रहर सेंट्रल जेल में उन्हें वीआईपी का दर्जा मिला हुआ है और उनके लिए एक विशेष किचन काउंटर भी बनाया गया है। उनका कहना था कि इस कांड के पीछे उच्चाधिकारों को 'दो करोड़ की रिश्वत' खाए जाने की भी चर्चा हो रही है।
पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट सामने आने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को एक उच्च स्तरीय जांच करवाने का आदेश देना पड़ा। इस रिपोर्ट से जहां सरकार की किरकिरी हुईं, वहीं रूपा के बॉस, डीजीपी (जेल) एचएसएन राव ने इस बात से इनकार किया कि उन्हें ऐसी कोई रिपोर्ट मिली है। रूपा की विवादास्पद रिपोर्ट में सरकार और उनके पक्ष में राज्य सरकार को उनकी आचरण के आचरण पर स्पष्टीकरण देना पड़ा।
जहां पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इसे कानूनों के खिलाफ बताया है तो राज्य के बिजली मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि उन्हें दंडित करने के इरादे से उनका ट्रांसफर नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी को मीडिया में जाने की अनुमति नहीं है।