उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फर्जी मुठभेड़ के लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है। उसने पुष्पेन्द्र के उस सीआईएसएफ के जवान भाई को भी कथित मुठभेड़ का आरोपी बना दिया है, जो घटना के वक्त दिल्ली में ड्यूटी पर तैनात थे। क्या राष्ट्रवादी सरकार जो हर दिन पाकिस्तान को गाली देती है, वह उसको न्याय दिलाएगी?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पुष्पेन्द्र की अभी-अभी ही शादी हुई थी, क्या उसकी पत्नी को न्याय मिलेगा? यह सबसे बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि अब शासन तथा प्रशासन पर कोई भरोसा नहीं रहा है। इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के जज से ही कराए जाने पर न्याय मिल सकता है।
मालूम हो कि गत 5/6 अक्टूबर की देर रात गुरसराय क्षेत्र में पुलिस से हुई कथित मुठभेड़ में गोली लगने से पुष्पेन्द्र यादव नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक पुष्पेन्द्र बालू खनन के अवैध कारोबार में लिप्त था और मुठभेड़ से पहले उसने मोठ थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह चौहान पर गोली चलाकर उनकी कार लूट ली थी। बाद में भोर करीब 3 बजे पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में वह मारा गया था।