बेहद सादे व्यक्तित्व वाले नौजवान ने बताया कि इंदौर के पास स्थित देवास में वेल्डिंग का काम करने वाले उनके पिता 10वीं फेल हैं और मां मामूली भी पढ़ी-लिखी नहीं हैं। प्रजापति ने कहा कि जिन बच्चों के पास पढ़ाई की सारी सुविधाएं होती हैं, उनके पास करियर के विकल्प भी बहुत होते हैं। मेरे पास ऐसे कोई खास विकल्प नहीं थे लेकिन मुझमें पढ़ाई का जुनून है।
उन्होंने बताया कि उनकी 10वीं तक की पढ़ाई एक सरकारी स्कूल में हुई और वह 11वीं तथा 12वीं कक्षा निजी स्कूल से उत्तीर्ण हुए। प्रजापति ने कहा कि अब वे देश के किसी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की पढ़ाई का सपना पूरा करना चाहते हैं, जो उन्होंने 10वीं में दाखिला लेने के बाद से देखना शुरू किया था।(भाषा)