अंकिता भंडारी हत्याकांड : बदरीनाथ हाईवे पर धरने पर बैठे लोग, श्रीनगर में बाजार बंद

एन. पांडेय

रविवार, 25 सितम्बर 2022 (15:56 IST)
श्रीनगर। अंकिता भंडारी का रविवार को श्रीनगर में आज अंतिम संस्कार होना था, लेकिन परिजनों ने अंतिम संस्कार रोक दिया। अंकिता हत्याकांड के विरोध में कांग्रेस, वामपंथी संगठन, छात्र संगठन के लोग श्रीनगर में अस्पताल की मोर्चरी के आगे बदरीनाथ हाईवे पर धरने पर बैठ गए। जिसके चलते सड़क के दोनों ओर वाहन फंस गए।
 
ट्रैफिक कोटेश्वर और कीर्ति नगर से डाइवर्ट कर दिया। लेकिन छात्रों ने यहां भी जाम लगा दिया। लोगों का कहना है कि अंकिता कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। अंकिता के भाई को भी नौकरी दी जाए। इस मांग को लेकर श्रीनगर बाजार भी आज बंद रखा गया।
 
अंकिता हत्याकांड पर महिलाएं भी भारी गम गुस्से में दिखी उनका कहना है कि युवतियों को गलत काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इनकार करने पर हत्या की जा रही है। महिलाओं का आरोप था कि भाजपा जिन्हें सरकार में दायित्व दे रही है उनके बच्चे आम लोगों की बेटियों को अपनी हवस का शिकार बनाने पर तुले हैं।
 
रुद्रप्रयाग जिले में भी शनिवार को अखिल भारतीय विद्याथी परिषद, एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस सहित अन्य कई छात्र संगठनों ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया था।
 
बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पौड़ी जिले से भाजपा विधायक गायब हैं। दो कैबिनेट मंत्री और स्पीकर हैं, लेकिन कोई भी लोगों से वार्ता करने नहीं पहुंचे।
 
रोड जाम होने से लोगों को हो रही दिक्कत के बाद अंकिता के पिता धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने लोगों से जाम खोलने की अपील की। लोगो ने पुलिस पर परिजनों पर दबाव डालने का आरोप लगा जाम खोलने से इंकार कर दिया। अंकिता भंडारी के परिजनों ने सरकार की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में ला दिया है। उनका अंदेशा है कि प्राइमरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फेरबदल हो सकता है।
 
इसके चलते अंकिता के भाई ने सरकार से दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग उठाई है। वहीं, अंकिता के पिता का कहना है कि प्रशासन ने जल्दबाजी में रिजॉर्ट में अंकिता का कमरा तोड़ दिया। उसमें सबूत हो सकते थे। अब जब पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आएगी तब ही अंकिता की अंत्येष्टि की जाएगी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने चार मांगें रखीं।
 
उन्होंने कहा कि अंकिता की फाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। आरोपियों को फांसी दी जाए। अंकिता के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।

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