सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि अर्द्धसैनिक बल की 85वीं बटालियन का दल जिले के पदेड़ा गांव के करीब नक्सल विरोधी अभियान में था। अभियान के दौरान जब एक स्कूली छात्र ने एक गर्भवती महिला के संबंध में जानकारी दी, तब दल का कंपनी कमांडर गांव के गायतापारा स्थित महिला के मकान में पहुंचा।
अधिकारियों ने बताया कि पदेड़ा गांव घने जंगल और पहाड़ के बीच स्थित है इसलिए वहां एम्बुलेंस का पहुंचना मुश्किल है। तब सुरक्षा बल ने बगैर देरी किए लंबे बांस से एक खाट को लटकाया और उसमें महिला को बिठा दिया गया। सीआरपीएफ के जवानों ने महिला को जल्द चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए अपने कंधे पर खाट लेकर लगभग 6 किलोमीटर का रास्ता तय किया।
उन्होंने बताया कि जब बल के जवान वाहन चलने योग्य रास्ते में पहुंचे तब एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई तथा महिला को जिला अस्पताल भेजा गया। सीआरपीएफ की सहायता के कारण महिला का समय पर इलाज को सका। छत्तीसगढ़ के इस धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नक्सलियों ने कई घटनाओं को अंजाम दिया है। सीआरपीएफ की 85वीं बटालियन बीजापुर गंगालूर मार्ग पर तैनात है तथा लगातार नक्सल विरोधी अभियान पर है।