अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित करीब 18,500 लोगों की आबादी वाले अरनिया शहर में अब वीरानी छाई है। आसपास के गांवों में अपने पशुओं की देखरेख तथा चोरी की घटनाओं से अपने-अपने घरों को बचाने के लिए अब गिनती के लोग तथा पुलिसकर्मी ही यहां बचे हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में जीवन थम-सा गया है, क्योंकि गोलाबारी के चलते खेती, स्कूल, पशुपालन और हर उन चीजों में ठहराव आ गया है जिन पर सीमाई क्षेत्रों में रहने वाले ये लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए आश्रित हैं।
जम्मू के अतिरिक्त जिलाधीश (एडीएम) अरुण मन्हास ने यहां बताया कि अरनिया शहर खाली हो गया है, क्योंकि यहां रहने वाली अधिकतर आबादी अब पलायन कर चुकी है। वे या तो अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं या फिर उन्होंने सरकारी शिविरों में आसरा ले रखा है।