आसाराम को हाईकोर्ट से झटका, नहीं मिली जमानत

गुरुवार, 11 अगस्त 2016 (17:19 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में लंबे  समय से जेल में बंद प्रवचनकर्ता आसाराम बापू की अंतरिम जमानत पर रिहाई का आदेश देने से आज  इन्कार कर दिया।
आसाराम ने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत पर रिहाई का आदेश देने का शीर्ष अदालत  से अनुरोध किया था, लेकिन न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल की पीठ ने उनका अनुरोध ठुकरा दिया।
 
हालांकि न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को तीन-सदस्यीय मेडिकल बोर्ड गठित करने तथा आसाराम की मेडिकल जांच करने का आदेश दिया। न्यायालय ने एम्स को 10 दिन के भीतर  जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। 
 
इससे पहले आसाराम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने दलील दी कि उनके  मुवक्किल को एक या दो माह की अंतरिम जमानत दी जाये, ताकि वह केरल जाकर पंचकर्म आयुर्वेद  पद्धति से इलाज करा सकें।
 
रामचंद्रन ने दलील दी कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने उनके मुवक्किल की अंतरिम  जमानत खारिज करते वक्त उनकी बीमारी को ध्यान में नहीं रखा, लेकिन पीठ ने उच्च न्यायालय के  फैसले में हस्तक्षेप से फिलहाल इंकार कर दिया। 
 
आसाराम पिछले तीन साल से जेल में बंद हैं और पहले भी मेडिकल आधार पर जमानत की मांग  कर चुके हैं, लेकिन उच्चतम न्यायालय से राहत नहीं मिल पाई थी। सोलह वर्षीय एक लड़की ने  आसाराम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। 
 
उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली लड़की के मुताबिक, राजस्थान में जोधपुर के निकट  स्थित मनाई गांव आश्रम में यह घटना हुई थी। लड़की की शिकायत के बाद जोधपुर पुलिस ने आसाराम  को 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह जेल में हैं। आसाराम ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है। (वार्ता) 

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