दरअसल यह मामला 2010 से लेकर 2013 तक एनआरएचएम के तहत एंबुलेंस खरीदने में हुई धांधली का है। सीबीआई ने जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड के निदेशकों व अन्य के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया है।
सही टेंडर ईएमआर को जाना था, लेकिन गड़बड़ी कर ये जिगित्सा को दे दिया गया। खास बात ये है कि इस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में सचिन पायलट, कार्ति चिदंबरम और रवि कृष्णा शामिल हैं।
वास्तव में यह पूरा मामला 108 एंबुलेंस सेवा के टेंडर में 2 करोड़ 56 लाख रुपए की गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है। इस मामले में जो लोग जांच के घेरे में हैं, उनमें पूर्व चिकित्सा मंत्री दुर्रु मियां, पूर्व केंद्रीय मंत्री वायलार रवि के बेटे रवि कृष्णा, केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व आर्थिक सलाहकार शफी मातेर, पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम, एनआरएचएम के तत्कालीन निदेशक और जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी की सीईओ श्वेता मंगल शामिल हैं।