पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दिल्ली में स्मारक बनेगा, बेटी शर्मिष्ठा बोलीं- बाबा कहते थे, राजकीय सम्मान मांगने नहीं चाहिए

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 7 जनवरी 2025 (22:31 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्मृति क्षेत्र परिसर में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का एक स्मारक स्थापित करने का निर्णय लिया है। मुखर्जी का 31 अगस्त 2020 को निधन हो गया था। पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी (Sharmishtha Mukherjee) ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की और उनके (शर्मिष्ठा के) पिता को सम्मानित करने के लिए शुक्रिया अदा किया।ALSO READ: कांग्रेस पर भड़कीं प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा, बोलीं- पार्टी में आ चुकी है दरार, खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे पुराने नेता
 
सरकार ने शर्मिष्ठा मुखर्जी को इस निर्णय की जानकारी देते हुए एक पत्र में कहा कि सक्षम प्राधिकारी ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की समाधि बनाने के लिए राष्ट्रीय स्मृति परिसर (राजघाट क्षेत्र का एक हिस्सा) में एक निर्दिष्ट स्थल को चिह्नित करने को मंजूरी दे दी है। पत्र प्राप्त करने के बाद शर्मिष्ठा ने इस सम्मान के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देने के वास्ते उनसे मुलाकात का समय मांगा।ALSO READ: मणिशंकर अय्यर बोले, 2012 में प्रणब मुखर्जी को बनना था पीएम, मनमोहन को बनाना था राष्‍ट्रपति
 
शर्मिष्ठा ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी से मुलाकात की और बाबा (प्रणब) के लिए स्मारक बनाने संबंधी उनकी (मोदी) सरकार के फैसले के लिए तहेदिल से शुक्रिया अदा किया और आभार जताया। यह इसलिए भी अधिक महत्वपूर्ण है,  क्योंकि हमने इसके लिए कहा ही नहीं था।
शर्मिष्ठा ने प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री के इस अप्रत्याशित, लेकिन वास्तव में उदार भाव से मैं बहुत अभिभूत हूं। उन्होंने कहा कि बाबा कहा करते थे कि राजकीय सम्मान मांगा नहीं जाना चाहिए बल्कि यह प्रदान किया जाना चाहिए। मैं बहुत आभारी हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा की स्मृति का सम्मान करने के लिए ऐसा किया।ALSO READ: जयंती पर मोदी ने दी प्रणब दा को श्रद्धांजलि, बताया अपनी तरह की अनूठी हस्ती
 
उन्होंने सरकार द्वारा भेजे गए पत्र को साझा करते हुए कहा कि इससे बाबा पर कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अब कहां हैं, प्रशंसा या आलोचना से परे। लेकिन उनकी बेटी के लिए, मेरी खुशी को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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