नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहिणी स्थित आश्रम के संस्थापक को चार जनवरी को अपने समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया। अदालत ने आश्रम की गतिविधियों की जांच कर रही सीबीआई से संस्थापक का पता लगाने को कहा।
हाईकोर्ट ने इस मामले में बाबा वीरेंद्र के आठ आश्रमों की विस्तार से मांगी है। कोर्ट का कहना है कि ऐसा न करने पर उसके खिलाफ वॉरंट जारी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में छापेमारी की गई थी। साथ ही, हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त समिति ने भी आश्रम का दौरा किया था।
समिति ने बुधवार को हाईकोर्ट में जानकारी दी कि आश्रम में 100 से ज्यादा लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है। इनमें से ज्यादातर नाबालिग हैं। समिति के मुताबिक कि उन्हें वहां अच्छे हालात नजर नहीं आए। समिति को ठीक से आश्रम का निरीक्षण नहीं करने दिया गया।
समिति ने यह भी आरोप लगाया कि ‘आध्यात्मिक विश्वविद्यालय’ में बच्चियों को जानवरों की तरह लोहे की सलाखों के पीछे रखा गया था और वे कांटेदार बाड़े से घिरी हुई थीं। बच्चियों के नहाने के दौरान भी कोई निजता प्राप्त नहीं थी। हाईकोर्ट ने इस पूरी जानकारी को गंभीरता से लिया है।