हमदाबाद। गुजरात में बैंकों और एटीएम में नकदी की किल्लत के चलते लोगों को हो रही मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। शुरुआत में केवल उत्तर गुजरात में पैदा हुए इस संकट ने अब लगभग पूरे राज्य में अपना पैर पसार लिया है।
आम लोगों को एक बार फिर नोटबंदी जैसी परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है। बैंकों ने नकदी निकालने की सीमा तय कर दी है जबकि अधिकतर एटीएम में पैसा ही नहीं है। कई बैंक कोर बैंकिंग प्रणाली की सुविधा को धता बताते हुए दूसरी शाखा के ग्राहकों को निर्धारित सीमा से भी कम रकम तक निकालने की ही अनुमति दे रहे हैं।
एक बैंक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि गुजरात समेत कई अन्य राज्यों में रिजर्व बैंक की ओर से नकदी का प्रवाह घट जाने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। इसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार भी रिजर्व बैंक के साथ सतत संपर्क में है।
गुजरात के महेसाणा, पाटन, साबरकांठा, बनासकांठा, मोडासा के अलावा अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत जैसे बड़े शहरों में भी नकदी संकट बना हुआ है। इन शहरों में अधिकतर एटीएम के ऊपर 'पैसा नहीं है' का बोर्ड लगा हुआ है। करीब 10 दिन पहले शुरू हुई यह समस्या पहले उत्तर गुजरात के सहकारी बैंकों तक सीमित थी, पर अब राष्ट्रीयकृत बैंक और बड़े निजी बैंकों में भी यह समस्या है।
शादी-विवाह का मौसम होने तथा किसानों को भुगतान का समय होने के कारण इस समस्या के चलते लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई स्थानों पर लोगों को एक एटीएम से दूसरे एटीएम के चक्कर लगाते देखा जा रहा है। (वार्ता)