बताया जा रहा है कि सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के बाद से ही कनकदुर्गा की सास उनसे नाराज चल रही थी। इसी घटना से नाराज होकर हमला कर दिया। कहा जा रहा है कि कनकदुर्गा पर जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त उनके घर के बाहर 8 पुलिसकर्मी मौजूद थे लेकिन चूंकि हमला घर के अंदर हुआ इसलिए कोई पुलिस जवान कनकदुर्गा को इससे बचा नहीं सके।
उल्लेखनीय है कि सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 उम्र की महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हटा दिया था। 2 जनवरी को कनकदुर्गा और बिंदू नाम की महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर दर्शन किए थे। इसके बाद पूरे राज्य में जमकर बवाल हुआ था और मंदिर को शुद्धीकरण के लिए कुछ देर के लिए बंद किया गया था। इसके बाद ही उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थी।