सांसदों-विधायकों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई करने वाली विशेष न्यायाधीश जे. शांति ने 1998 के इस मामले में युवा कल्याण एवं खेलमंत्री रेड्डी को दोषी ठहराया। रेड्डी उस समय भाजपा के सदस्य थे, हालांकि न्यायाधीश ने मंत्री के वकील का अनुरोध स्वीकार करते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी ताकि वे मद्रास उच्च न्यायालय में अपील दायर कर सकें।
विधानसभा में होसूर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले रेड्डी के अलावा अदालत ने इस मामले के 15 अन्य आरोपियों को भी 3-3 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। मंत्री सहित सभी आरोपी अदालत में मौजूद थे। इस बीच रेड्डी ने मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मुख्यमंत्री ने रेड्डी का इस्तीफा राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को भेज दिया। बाद में राज्यपाल ने रेड्डी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।