पत्रकार बरखा दत्त ने अपने पूर्व सहयोगी अर्णब गोस्वामी की तीखी आलोचना की है। दरअसल, गोस्वामी ने हाल ही में टाइम्स नाऊ के एक कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की वीरता की प्रशंसा की साथ ही उन्होंने भारतीय मीडिया के एक वर्ग को भी निशाने पर ले लिया था।
अर्णब ने मीडिया के इस वर्ग को छद्म उदारवादी करार दिया था और उनकी राष्ट्रभक्ति पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि ऐसे पत्रकारों को खुद से पूछना चाहिए कि क्या वे कारगिल युद्ध के शूरवीरों पर बोलने और लिखने के काबिल भी हैं? उन्होंने कहा कि मीडिया से जुड़े कुछ लोग जम्मू कश्मीर में काम कर रहे और सेना के जवानों को भला-बुरा कह रहे हैं।
अर्णब की इस बात मीडिया का एक वर्ग भड़क गया और सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर खरी खोटी सुनाई। हालांकि कुछ लोगों ने उनका समर्थन भी किया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार और जी न्यूज के रोहित सरदाना का पत्र युद्ध चला था। रवीश ने केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर को खुला खत लिखा था, जवाब में सरदाना ने उन्हीं बिन्दुओं के आधार पर रवीश को जवाब दिया था। खुद बरखा दत्त और फिल्म अभिनेता अनुपम खेर के बीच भी पिछले साल असहिष्णुता के मुद्दे पर एक मंच पर तीखी नोक-झोंक हुई थी।
बरखा ने आगे लिखा- वे पाकिस्तान परस्ती के बारे में लगातार बोलते हैं और जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी के बीच गठबंधन, पाकिस्तान और हुर्रियत से बात करने के समझौतों पर एक शब्द नहीं बोलते। हालांकि बरखा को मीडिया की ओर से अच्छा समर्थन मिला। हालांकि कुछ लोगों ने अर्णब का खुलकर समर्थन भी किया।