रायपुर। नक्सल हिंसा की समस्या से कई दशकों से जूझ रहे छत्तीसगढ़ की नवगठित भूपेश सरकार ने नक्सलियों के साथ बातचीत शुरू करने के संकेत दिए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बारे में राज्य के मुख्य सचिव अजय सिंह को नक्सल समस्या के समाधान के लिए नीति तैयार करने एवं बातचीत शुरू करने के लिए गंभीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने गृह विभाग के अधिकारियों के साथ शनिवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री की मंशा बताते हुए इस बारे में आवश्यक तैयारियां करने को कहा है।
इस बीच मुख्यमंत्री ने भी शनिवार को ही कुछ पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी सरकार राज्य में नक्सलवाद से पीड़ित लोगों के साथ भी बातचीत की शुरुआत करेगी। इसके तहत प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों, किसानों, छात्रों, महिलाओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और स्वयंसेवी संगठनों से जुड़े लोगों को समाधान सुझाने के लिए निमंत्रित किया जाएगा। इस समस्या का समाधान उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक है।
राज्य सरकार की बातचीत की कोशिश कितना आगे बढ़ती है और संबंधित पक्षों की इसमें कितनी दिलचस्पी होती है? अभी यह कहना मुश्किल है, पर अगर यह बातचीत परवान चढ़ी तो अविभाजित आंध्रप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य होगा जिसकी ओर से बातचीत के जरिए समस्या के हल की पहल होगी।
मुख्यमंत्री का स्वयं मानना है कि पूर्ववर्ती सरकार की नक्सल नीति असफल थी जिसमें नक्सल उन्मूलन के नाम पर बेगुनाहों को बगैर सबूतों को जेलों में डाल दिया गया और बच्चों तक को नहीं बख्शा गया।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से नक्सल समस्या के समाधान के लिए बातचीत की नीति तैयार करने के साथ ही मुख्यमंत्री के नक्सल प्रभावित पंचायतों को सामुदायिक विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपए देने का भी जनघोषणा पत्र में किए वादे का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका मकसद उन्हें विकास के माध्यम से मुख्य धारा से जोड़ना है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को गंभीरता से लिया जाए और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रत्येक पुलिस थाने में एक महिला प्रकोष्ठ गठित हो और महिलाओं से संबंधित अपराधों की स्वतंत्र जांच की जाए। सार्वजनिक स्थानों और यातायात के साधनों को महिलाओं के अनुकूल और सुरक्षित बनाया जाए।
मुख्य सचिव ने पुलिस कल्याण योजना के तहत पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने और तृतीय तथा चतुर्थ वर्ग के पुलिस कर्मचारियों के आवास और बच्चों की शिक्षा के लिए पुलिस कल्याण कोष को समय-समय पर शासकीय अनुदान देकर सशक्त बनाने जाने एवं चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा वापस दिलावने और धोखाधड़ी करने वाली ऐसी कंपनियों के खिलाफ भी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के साथ ही चिकित्सकों एवं अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मंशा जाहिर की है। गृह विभाग इस बारे में संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श कर इसका मसौदा तैयार करे।