एसटीएफ वाराणसी के इंस्पेक्टर विपिन राय ने बताया कि नजरे हसन भागने की फिराक में था, तभी उसे एसटीएफ की टीम ने पकड़ लिया। पूछताछ में नजरे हसन ने स्वीकार किया कि उसने शंकर लाल सेठ को चांदी की तीनों शहनाइयां 17 हजार रुपये में बेची थीं। बरामद चार हजार दो सौ रुपये उसके हैं। शादाब ने यह भी स्वीकार किया है कि कुछ लोगों से लिए गए उधार चुकाने के लिए उसने ये शहनाइयां बेची थीं। शंकर ने भी चांदी की तीन शहनाइयों की चांदी गलाने की बात स्वीकार की है।
पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि उस्ताद को चांदी की उक्त तीनों शहनाइयां पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने उपहार स्वरूप भेंट की थी। लकड़ी की शहनाई तो उस्ताद अपने सिराहने रखकर सोते थे। इस शहनाई को वह मुहर्रम की आठवीं व दसवीं तारीख को विशेष रूप से बजाते थे। (भाषा)