श्रीनगर। हालांकि पिछले 25 सालों में सैंकड़ों तथा बीते नौ सालों के दौरान सुरक्षाबलों के 84 शिविर और बंकर विभिन्न शहरों, कस्बों व गांवों से हटाने के बावजूद अभी भी कश्मीर वादी को बंकरों की वादी का नाम दिया जा रहा है।
सरकारी तौर पर फिलहाल, वादी के शहरी इलाकों में 192 सुरक्षा शिविर और बंकर मौजूद हैं। पर गैर सरकारी आंकड़ा सैंकड़ों का है। राज्य विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला ने पहली जनवरी 2009 को कश्मीर में सुरक्षाबलों के शिविरों और बंकरों की स्थिति की जानकारी मांगते हुए पूछा था कि अब तक इनमें से कितने हटाए गए हैं।
सबसे ज्यादा 117 शिविर और 11 बंकर श्रीनगर जिले में थे जबकि लेह व करगिल में न कोई सुरक्षा शिविर था और न बंकर। श्रीनगर के बाद सोपोर पुलिस जिला में 35 शिविर थे। बडगाम, गंदरबल, अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम, छोपियां, अवंतीपोरा, बारामुल्ला, कुपवाड़ा, बांडीपोरा व हंडवाड़ा में क्रमशः 20, एक,13,21,27,5,2,4,3,8 व दो शिविर थे, वहीं श्रीनगर के बाद सबसे ज्यादा तीन बंकर अवंतीपोरा में थे जबकि हंडवाड़ा, बांडीपोरा, कुपवाड़ा और बड़गाम में ही एक-एक बंकर था। अन्य जिलों में कोई बंकर नहीं था।
गृह विभाग के अनुसार श्रीनगर से जनवरी 2009 से अब तक 41 शिविर और दस बंकर हटाए गए हैं। इनमें पांच शिविर और बंकर 2009 में हटाए गए जबकि 16 बंकर व शिविर 2010 में, 14 बंकर व शिविर 2011में, 12 बंकर व शिविर 2012 में और दो बंकर व शिविर 2013 में हटाए गए।
इस साल पूरी वादी में सिर्फ हंदवाड़ा में ही एक बंकर हटाया गया है और वह भी गत अप्रैल में हंदवाड़ा में हिंसा भड़कने के बाद। उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक पहली जनवरी 2009 को शुरु हुई बंकर व शिविर हटाने की प्रक्रिया के तहत अब तक कुलगाम में आठ, छोपियां व पुलवामा से पांच-पांच, अवंतीपोरा ,बांडीपोरा व कुपवाड़ा से दो-दो बंकर शिविर हटाए गए हैं।