विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में हुए 1275 करोड़ रुपए के व्यापारिक सौदे
गुरुवार, 19 दिसंबर 2024 (17:43 IST)
Uttarakhand News : इस सप्ताह की शुरुआत में यहां संपन्न हुई 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो-2024 में लगभग 1275 करोड़ रुपए के व्यापारिक सौदे हुए जो आयुर्वेदिक दवाओं और स्वास्थ्य उत्पादों की बढ़ती हुई वैश्विक मांग को दर्शाता है। विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन द्वारा केंद्रीय आयुष मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार, अन्य राज्य सरकारों और प्रमुख आयुर्वेद प्रतिष्ठानों के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य विषय 'डिजिटल स्वास्थ्य, एन आयुर्वेद पर्सपेक्टिव' था। सम्मेलन में कुल 10,321 प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें से 352 प्रतिनिधि 58 देशों से थे। इस कार्यक्रम में भारत के बाहर किसी आयुर्वेद संस्थान के लिए पहली बार यूरोप आयुर्वेद अकादमी एसोसिएशन को मान्यता प्रदान की गई।
12 से 15 दिसंबर तक चले आयुर्वेद क्षेत्र और संबद्ध हितधारकों के प्रमुख द्विवार्षिक सम्मेलन के आयोजन ने कारोबार के मामले में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए क्योंकि आयुष निर्यात संवर्धन परिषद (आयुषेक्सिल) द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में 30 देशों के 142 खरीददारों ने लगभग 3200 बी2बी बैठकों में हिस्सा लिया।
विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन द्वारा केंद्रीय आयुष मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार, अन्य राज्य सरकारों और प्रमुख आयुर्वेद प्रतिष्ठानों के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य विषय 'डिजिटल स्वास्थ्य, एन आयुर्वेद पर्सपेक्टिव' था। सम्मेलन में भागीदारी के पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए। सम्मेलन में कुल 10,321 प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें से 352 प्रतिनिधि 58 देशों से थे।
देहरादून के विशाल परेड ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य विषयों को शामिल करते हुए 172 सत्र आयोजित किए गए जिनका उद्देश्य आयुर्वेद को मुख्य स्वास्थ्य विकल्प के रूप में वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से प्रयास करना था।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं। ये हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे प्रदेश में… pic.twitter.com/m546knRmyb
विश्व आयुर्वेद कांग्रेस की अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा में 27 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिन्होंने देश में आयुर्वेद की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही, फाउंडेशन ने आयुर्वेद की वैश्विक वापसी को और गति देने के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ बनाने की पहल की।
इस कार्यक्रम में भारत के बाहर किसी आयुर्वेद संस्थान के लिए पहली बार यूरोप आयुर्वेद अकादमी एसोसिएशन को मान्यता प्रदान की गई। आयुष चेयर पैनल चर्चा में थाईलैंड, मॉरीशस, लातविया और रूस के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। एक लाख वर्गफुट क्षेत्र में आयोजित आरोग्य एक्सपो में प्रमुख आयुर्वेदिक संस्थानों के उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित किया गया जिसमें लगभग डेढ़ लाख लोगों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम के दौरान आयुष क्लिनिक में प्रमुख चिकित्सकों ने 4,000 से अधिक लोगों को नैदानिक परामर्श प्रदान किया। चार दिवसीय बैठक के अन्य मुख्य आकर्षणों में उद्योग सम्मेलन, पारंपरिक चिकित्सकों की बैठक, अंतरराष्ट्रीय औषधीय पौधों की संगोष्ठी, पशु चिकित्सा आयुर्वेद का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, वृक्ष आयुर्वेद और आयुर्वेद फिल्म महोत्सव शामिल थे।
इस सम्मेलन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी एकत्रित हुए जिन्होंने गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रही दुनिया में एक समग्र और स्थाई स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में आयुर्वेद की बढ़ती हिस्सेदारी पर विचार-विमर्श किया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour