इस मुद्दे पर ‘चेंज डॉट ओआरजी’ पर एक ऑनलाइन अर्जी शुरू करने वाली शोधकर्ता सुवर्णा घोष ने आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा, सीजेरियन के जरिए बच्चे पैदा करना एक धंधा बन गया है। अस्पताल और डॉक्टर महिलाओं से पैसे बना रहे हैं और उन्हें ऑपरेशन से डिलिवरी की तरफ धकेल रहे हैं। घोष का समर्थन करने वाले संगठन ऑनलाइनआरटीआई डॉट कॉम ने जुलाई 2016 में आरटीआई के तहत अर्जी दायर की थी।
आंकड़ों के मुताबिक, 2010 में मुंबई के निगम एवं सरकारी अस्पतालों में 87,509 सामान्य डिलीवरी हुई, जबकि 9,593 सीजेरियन डिलिवरी हुई। निजी अस्पतालों में 59,540 सामान्य डिलिवरी हुई जबकि 21,299 सीजेरियन डिलिवरी हुई।
साल 2015 में सरकारी एवं निगम अस्पतालों में 64,816 सामान्य डिलिवरी जबकि 21,744 सीजेरियन डिलिवरी हुई। इसी साल निजी अस्पतालों में 44,732 सामान्य डिलिवरी जबकि 34,465 सीजेरियन डिलिवरी हुई। (भाषा)