नई दिल्ली। दिल्ली हाइकोर्ट ने श्रद्धा वालकर हत्या मामले की जांच दिल्ली पुलिस से CBI को सौंपे जाने का आग्रह करने वाली एक जनहित याचिका मंगलवार को खारिज करते हुए उसे प्रचार हित याचिका बताया। इस बीच अदालत ने आरोपी आफताब के पॉलीग्राफी टेस्ट की भी इजाजत दे दी।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि यह प्रचार हित याचिका है तथा याचिका में एक भी सही आधार नहीं है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि जिन स्थानों से शव के टुकड़े बरामद हुए हैं वहां मीडिया और लोगों की मौजूदगी के कारण सबूतों से छेड़छाड़ हुई। उसने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच के हर कदम पर मीडिया को हर जानकारी बताई तथा कानून में इसकी मंजूरी नहीं है।
4 दिन बढ़ी पुलिस रिमांड : दिल्ली की एक अदालत ने अपनी 27 वर्षीय लिव इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की हत्या के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला की पुलिस हिरासत मंगलवार को चार और दिन के लिए बढ़ा दी। पुलिस ने उसकी हिरासत बढ़ाए जाने की मांग की थी क्योंकि जांच अब भी जारी है। इससे और साक्ष्य जुटाने में मदद मिलेगी। पूनावाला की 5 दिनों की पुलिस हिरासत आज खत्म हो रही है।
पॉलीग्राफी टेस्ट की इजाजत : दिल्ली पुलिस को श्रद्धा वालकर हत्या मामले के आरोपी आफताब पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट करने के लिए अदालत से इजाजत मिली।
आफताब को 12 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में किराये के अपने फ्लैट में श्रद्धा की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था कि आफताब ने श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या की तथा उसके शव के करीब 35 टुकड़े किए जिसे उसने घर पर 300 लीटर के फ्रिज में लगभग तीन सप्ताह तक रखा और फिर उन्हें विभिन्न हिस्सों में कई दिनों तक फेंकता रहा।
पुलिस ने बताया कि दोनों के बीच वित्तीय मुद्दों को लेकर आए दिन झगड़ा होता था। ऐसा संदेह है कि दोनों के बीच झगड़ा होने पर ही पूनावाला ने 18 मई की शाम को 27 वर्षीय श्रद्धा वालकर की हत्या कर दी थी।