जम्मू। पाकिस्तानी सैनिकों ने दो दिन की शांति के बाद गुरुवार को फिर से जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत की अग्रिम चौकियों को निशाना बनाया।
सीमा सुरक्षाबल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'पाकिस्तानी रेंजर्स ने अरनिया सेक्टर में बीएसएफ की चौकियों पर अकारण गोलीबारी की और फिर गोलाबारी भी की। गोलीबारी आज सुबह तक जारी थी। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने प्रभावी तरीके से जवाब दिया।'
पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से 13 और 18 सितंबर के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलीबारी और गोलाबारी की गई।
इस दौरान जम्मू और पुंछ जिलों में पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी और गोलाबारी में बीएसएफ के एक जवान और एक असैन्य व्यक्ति की जान चली गई तथा 12 अन्य घायल हो गए थे।
पाकिस्तानी रेंजर्स ने 17 और 18 सितंबर की दरम्यानी रात अरनिया सेक्टर में बिना उकसावे के गोलीबारी की और बाद में मोर्टार दागे।
इससे एक रात पहले, पाकिस्तानी सैनिकों ने अरनिया सेक्टर में कई सीमा चौकियों और गांवों को निशाना बनाया था। मोर्टार अरनिया शहर में गिरे थे और अरनिया बस अड्डे पर करीब एक दर्जन मोर्टार फटे, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी और कई अन्य जख्मी हो गए थे।
इसी तरह से 16 सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू जिले में भारतीय सीमा चौकियों और गांवों को निशाना बनाया। पाकिस्तानी गोलीबारी में साई, त्रेवा और जबॉल गांवों में एक मंदिर, दो घर और तीन गोशाला क्षतिग्रस्त हुईं थीं। रातभर हुई गोलाबारी में तीन मवेशी भी मारे गए थे।
अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 15 सितंबर को पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में बीएसएफ जवान बिजेंद्र बहादुर शहीद हो गए थे और एक ग्रामीण की भी जान चली गई थी।
भारतीय सेना के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं इस साल तेजी से बढ़ी हैं। पाकिस्तानी सेना ने एक अगस्त तक 285 बार संघर्षविराम उल्लंघन किया था तथा समूचे 2016 में 228 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था। (भाषा)