पूजा बहाल करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015 (18:32 IST)
चेन्नई। स्थानीय काली मंदिर में सरकार के नियंत्रण के तहत पूजा करने की पुरानी रीति को बहाल करने की मांग करते हुए एक गांव के बाशिंदों ने मद्रास उच्च न्यायालय का रूख किया है। उन्हें डर है कि पुराने रस्मों रिवाजों का पालन नहीं करने से देवी के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।
इरोड जिले के परीयुर निवासियों का प्रतिनिधित्व कर रहे याचिकाकर्ता एनके अंदावर ने हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ दान विभाग से कोंडालाथु काली अम्मान मंदिर में पूजा और समारोह उसी तरह किए जाने की मांग की है, जिस तरह से उनके पूर्वज सरकारी संस्था द्वारा इसे अपने अधीन किए जाने से पहले किया करते थे।
 
न्यायमूर्ति एम सत्यनारायण ने याचिका पर कल आदेश जारी करते हुए विभाग को इस सिलसिले में ग्रामीणों की आपत्ति पर छह हफ्तों के अंदर विचार करने का निर्देश दिया।
 
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि कुछ साल पहले इस प्राचीन मंदिर को विभाग द्वारा अपने अधीन लिए जाने से पहले नियमित पूजा और विशेष पूजा उनके पूर्वजों की पद्धति के अनुसार की जाती थी।
 
विभाग द्वारा मंदिर को अपने अधीन लिए जाने के बाद पूजा नहीं हुई है और श्रद्धालुओं को मंदिर के त्योहारों के बारे में सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि यदि पूजा उनके पूर्वजों की पद्धति के अनुसार नहीं गई तो देवी उन्हें दंड देगी। (भाषा)

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