ठाकरे ने भुजबल के 75वें जन्मदिन पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। कार्यक्रम में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के कई नेताओं ने शिरकत की। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के नेता बालासाहेब थोराट भी कार्यक्रम में शरीक हुए।
ठाकरे ने कहा कि अब मैं ऐसा व्यक्ति बन गया हूं, जिसे कोई झटका नहीं लगता। लेकिन जब भुजबल ने शिवसेना छोड़ी थी, तो मैं स्वीकार करता हूं कि हमारा परिवार स्तब्ध रह गया था। वह गुस्सा (जो उस समय निकला) राजनीतिक था। हम लंबे समय तक इस बात को पचा नहीं पाए कि हमारे परिवार का एक सदस्य हमें छोड़कर चला गया है।