पटना। केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने चाचा पशुपति नाथ पारस या उनके गुट के किसी अन्य सांसद को लोजपा कोटे से केंद्रीय मंत्रियों की टीम में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया है। लोजपा की भीतरी गुटबाजी के बीच चिराग पासवान अपने पिता तथा लोजपा संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान की जयंती के अवसर पर 'आशीर्वाद यात्रा' के जरिए बिहार का दौरा कर जनता का समर्थन जुटा रहे हैं।
चिराग ने पटना में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि किसी को भी अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। लेकिन न तो मेरे चाचा पशुपति नाथ पारस और न ही किसी अन्य पार्टी सांसद को लोजपा कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए जो अब मेरे पिता द्वारा स्थापित पार्टी से जुड़े नहीं हैं। अगर मेरे चाचा को लोजपा कोटे से या लोजपा सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो हम अदालत जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अगर इनमें से किसी को भी निर्दलीय मंत्री बनाया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। चिराग ने कहा कि उन्होंने निर्वाचन आयोग को पहले ही सूचित कर दिया है कि मेरे चाचा और पार्टी के अन्य सांसद प्रिंस राज (चिराग के चचेरे भाई), चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर अब लोजपा के सदस्य नहीं हैं।
चिराग ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपनी पार्टी तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार चुनाव के दौरान और उससे पहले भी नीतीश कुमार द्वारा हमारी पार्टी को तोड़ने का लगातार प्रयास किया गया था। नीतीश कुमार तब भी पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे, जब मेरे पिता अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने कहा कि वह अपने पिता द्वारा स्थापित पार्टी के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे।(भाषा)