मुख्यमंत्री ने कहा कि आप 9वीं-10वीं कक्षा के छात्रों को बुलाते हैं। आप कितना बड़ा अपराध कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानों कोई आईआईटीयन (आईआईटी का छात्र) बन गया तो 'खुदा' बन गया। कोचिंग में आते ही छात्रों का स्कूलों में 'डमी' नामांकन करा दिया जाता है। यह माता-पिता की भी गलती है। छात्रों का स्कूलों में 'डमी' नामांकन करवाया जाता है और वे स्कूल नहीं जाते हैं। उन पर बोर्ड परीक्षा पास करने और प्रवेश परीक्षा की तैयारी का दोहरा भार रहता है।
गहलोत ने कहा कि कोटा के बाद जयपुर, सीकर, जोधपुर एवं बीकानेर आदि जिले भी कोचिंग हब के रूप में विकसित हो रहे हैं और कोचिंग संस्थानों से रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध हो रहे हैं तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए सजग है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देश में 2021 में विद्यार्थियों की आत्महत्या के 13 हजार से भी अधिक मामले दर्ज हुए, जिनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1834, मध्यप्रदेश में 1308, तमिलनाडु में 1246, कर्नाटक में 855 तथा ओडिशा में 834 मामले दर्ज हुए। राजस्थान में यह आंकड़ा 633 है जो दूसरे राज्यों की तुलना में कम है, लेकिन राज्य सरकार इस मुद्दे के प्रति गंभीर तथा संवदेनशील है।