पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, कोटा के महावीर नगर इलाके में गुरुवार शाम को मनीष प्रजापत का शव उसके कमरे के पंखे से लटका हुआ पाया गया। यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा संदिग्ध रूप से आत्महत्या का इस साल का यह 19वां मामला है।
पुलिस के अनुसार, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला प्रजापत यहां एक साल पहले आया था और एक कोचिंग संस्थान में जेईई की तैयारी कर रहा था। जवाहर नगर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में प्रजापत के पिता उससे मिलने यहां आए थे और पांच दिन रुकने के बाद गुरुवार को घर के लिए निकले। लड़के ने अपने पिता के जाने के कुछ घंटों बाद ही यह चरम कदम उठाया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि किशोर ने गुरुवार शाम को छात्रावास के भोजनालय में रात का खाना खाया और करीब सात बजे अपने कमरे में चला गया। पुलिस ने बताया कि ट्रेन से आजमगढ़ जा रहे उसके पिता ने छात्रावास की देखभाल करने वाले व्यक्ति को उनके बेटे को देखने के लिए भेजा, क्योंकि वह कॉल नहीं उठा रहा था।
खिड़की से झांकने पर व्यक्ति ने प्रजापत को चादर की मदद से पंखे से लटका हुआ पाया, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस उपाधीक्षक घनश्याम मीणा ने बताया कि किशोर की कथित आत्महत्या के पीछे पढ़ाई का दबाव एक कारण हो सकता है, क्योंकि प्रजापत पढ़ाई में कमजोर बताया गया।
अगस्त महीने में इस तरह की 2 और घटनाएं हुईं, जिनमें नीट की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले 17 वर्षीय मनोज छाबड़ा और जेईई की तैयारी कर रहे बिहार के चंपारण के भार्गव मिश्रा ने क्रमश: 3 और 4 अगस्त को विज्ञान विहार तथा महावीर नगर स्थित छात्रावासों के अपने-अपने कमरों में कथित रूप से आत्महत्या की थी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)