Collapsed statue of Shivaji Maharaj : महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति सोमवार को ढह गई। इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। अब मूर्ति गिरने पर राजनीति शुरू हो गई है। सीएम शिंदे हवा के कारण मूर्ति का गिरना बताया, वहीं विपक्ष ने भ्रष्टाचार को बताया। अब इस पर डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस का बयान सामने आया है।
फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि सिंधुदुर्ग जिले में मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण की देखरेख राज्य सरकार ने नहीं बल्कि भारतीय नौसेना ने की थी। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों द्वारा निशाना साधे जाने के बारे में पूछने पर फडणवीस ने कहा कि प्रतिमा का गिरना दुखद है, लेकिन इस पर विपक्षी दलों का रुख उचित नहीं है।
इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोई आवश्यकता नहीं है। महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ध्वस्त होने के मामले में प्रतिमा बनाने वाले ठेकेदार और संरचनात्मक सलाहकार सहित दो लोगों के खिलाफ मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की। प्राथमिकी ठाणे की आर्टिस्ट्री कंपनी के मालिक जयदीप पटेल और उनके सलाहकार चेतन पाटिल के खिलाफ दर्ज की गई है। जयदीप पटेल की देखरेख में इस प्रतिमा को बनाया गया था।
प्रतिमा के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार लोगों ने महत्वपूर्ण स्थानीय कारकों जैसे- कि तीव्र हवा गति और इसमें इस्तेमाल लोहे की गुणवत्ता को नजरअंदाज कर दिया होगा। समुद्र से उठने वाली हवाओं के संपर्क में आने के कारण प्रतिमा में जंग लगने का खतरा अधिक होगा।
अब सवाल यह है कि क्या प्रतिमा के निर्माताओं ने इन सभी कारकों को समझा था। फडणवीस ने कहा कि हमारा संकल्प उसी स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की और बड़ी प्रतिमा बनाने का है। उन्होंने कहा कि प्रतिमा ढहने की घटना की जांच की जा रही है।