Himachal Pradesh Name Plate Controversy News : हिमाचल प्रदेश में शिमला मस्जिद विवाद के बाद अब स्ट्रीट वैंडर पॉलिसी को लेकर घमासान शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश सरकार अपने ही एक फैसले पर फंसती हुई नजर आ रही है। दरअसल, बुधवार को एक सरकारी आदेश जारी हुआ था कि राज्य के दुकानदारों को अपनी दुकानों में अपना पहचान पत्र प्रदर्शित करना होगा। उत्तरप्रदेश की तर्ज पर दुकानदारों को नाम लिखना होगा। शिमला की अवैध मस्जिद का मामला अब दुकानदारों के नेमप्लेट तक पहुंच गया है। कांग्रेस से अब न निगलते बन रहा है और न उगलते।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि हिमाचल में दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने होंगे। हालांकि हिमाचल सरकार ने इससे दूरी बना ली है। इस पर सुक्खू सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने अवैध मस्जिद को गिराने की मांग उठाई थी। मंत्री अनिरुद्ध सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सियासी वारिस और हिमाचल सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह का करीबी माना जाता है।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि स्ट्रीट वेंडर्स नीति के संबंध में समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव प्राप्त हुए हैं और इस मामले के हर पहलू पर संवेदनशीलता के साथ विचार किया जा रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी।
मीडिया खबरों के मुताबिक अब कांग्रेस हाईकमान ने विक्रमादित्य के फैसले के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। बीती रात उन्हें हाईकमान ने दिल्ली तलब किया और जमकर फटकार लगाई गई।
सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट
हिमाचल की कांग्रेस सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि हिमाचल में भी अब उत्तरप्रदेश की तरह हर भोजनालय और फास्ट फूड की रेहड़ी पर दुकान मालिक की आईडी लगाई जाएगी ताकि लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो। इसके लिए शहरी विकास विभाग और नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने योगी मॉडल को हिमाचल में लागू करने से की खबरों पर सियासी विवाद होने पर अपनी पोस्ट को संशोधित कर दिया। इस पोस्ट में अब विक्रमादित्य सिंह ने योगी की फोटो वाली तस्वीर को हटा दिया है।
करीबी ने उठाई थी मस्जिद गिराने की मांग : इससे पहले हिमाचल सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में शिमला की संजौली मस्जिद को अवैध बताते हुए गिराने की मांग उठाई थी।