मीडिया ने राज्यपाल के हवाले से कहा, 'हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए है। इसमें कुछ गलत नहीं है। विभिन्न देशों के हिंदू यहां रह सकते हैं। वे बाहरी नहीं हो सकते। जब आचार्य के बयान पर विवाद शुरू हो गया तो उन्होंने कहा कि उनका मतलब था कि विदेशों में मुसलमानों समेत भारतीय मूल के सभी लोगों का इस देश में स्वागत है।'
आचार्य ने कहा कि अगर एक यूरोपीय ईसाई को सताया जाता है या यूरोपीय हिंदू को सताया जाता है.... अगर उसे बेल्जियम में सताया जाता है तो वह भारत नहीं आ सकता। भारतीय मुस्लिम कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वे यहां रहना चाहते हैं तो यहां रह सकते हैं। कई पाकिस्तान चले गए। अगर वे पाकिस्तान, बांग्लादेश जाना चाहते हैं तो वे वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं। तसलीमा नसरीन को बांग्लादेश में सताया गया तो वह यहां आई। अगर वे आते हैं तो हम उन्हें शरण देंगे। भारत बड़े दिलवाला है।'