अधिकारियों ने पाबंदियों को फिर से लगाने के लिए किसी भी कारण का हवाला नहीं दिया, लेकिन माना जाता है कि शहर और घाटी में अन्य जगहों पर मोहर्रम के जुलूस को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। केवल आपात चिकित्सा की स्थिति में लोगों को बैरिकेड पार कर जाने की अनुमति दी जा रही है। सुरक्षाकर्मियों ने संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी कर्फ्यू पासों पर जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र की घोषणा के बाद कश्मीर में पहली बार 5 अगस्त को पाबंदियां लगाई गई थीं। हालांकि समय बीतने के साथ स्थिति में हुए सुधार को देखते हुए घाटी के कई हिस्सों से पाबंदियों को हटा लिया गया था।