दार्जिलिंग। दार्जिलिंग की पहाड़ियों में फिर से तनाव फैलने के 1 दिन बाद गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थकों ने गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के कार्यालय में आग लगा दी। यहां अनिश्चितकालीन बंद का बुधवार को 14वां दिन है।
जीटीए के इंजीनियरिंग डिवीजन के कार्यालय में मंगलवार रात आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने यहां से 25 किलोमीटर दूर बिजनबारी क्षेत्र के एक पंचायत कार्यालय में हंगामा भी किया।
पुलिस और सुरक्षा बल सड़कों पर गश्त कर रहे थे और आवाजाही के सभी मार्गों पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी है। फार्मेसियों के अलावा सभी दुकानें, स्कूल, कॉलेज बंद रहे और इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित रहीं। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने बुधवार को रैली निकालने और जीटीए समझौते की प्रतियां जलाने की योजना बनाई है।
पहाड़ों में लंबी अशांति के मद्देनजर जीटीए समझौते पर केंद्र, राज्य सरकार और जीजेएम ने वर्ष 2011 में हस्ताक्षर किए थे। जीजेएम ने कहा कि उसके 45 सदस्यों ने पिछले सप्ताह जीटीए से इस्तीफा दे दिया और इसके साथ ही प्रशासनिक इकाई का अस्तित्व खत्म हो गया। दार्जिलिंग में मंगलवार को जीजेएम के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और जीटीए समझौते की प्रतियां जला दीं।
जीजेएम के कुछ कार्यकर्ताओं ने बिना कमीज के प्रदर्शन किया और अपने शरीर पर ट्यूबलाइटें फोड़ी जिससे वे घायल भी हुए। युवा मोर्चा (जीजेएम की युवा शाखा) के कार्यकर्ताओं ने केंद्र के उनकी अलग राज्य की मांग पर ध्यान न देने पर आत्मदाह करने और आमरण अनशन शुरू करने की धमकी दी।
जीजेएम कार्यकर्ताओं और गोरखालैंड समर्थकों ने सोमवार रात को कालिमपोंग जिले में विकास बोर्ड के अध्यक्ष के आवास में भी आग लगा दी थी। (भाषा)